हर व्यक्ति चाहता है कि वह अपने सपनों के घर में रहे। क्योंकि, किराये के घर में वह सुरक्षा और अपनापन हमें नहीं मिल पाता है जोकि अपने घर में मिलता है। लेकिन, अपना घर खरीदने में सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि इसमें एक बड़ी रकम की जरूरत होती है। यहीं पर मॉर्गेज लोन हमारे काम आता है। अगर आपके पास अपना घर खरीदने का पैसा नहीं है तो आप इस संसाधन का इस्तेमाल कर सकते हैं। तो चलिए इस ब्लॉग की मदद से हम इस लोन के बारे में विस्तार से जानते हैं। यहां यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि इसके लिए आवेदन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या होता है मॉर्गेज लोन?
मॉर्गेज लोन को लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें लोन के बदले आपकी प्रॉपर्टी गिरवी रखी जाती है। गिरवी रखी गई संपत्ति पर वित्तीय संस्थान का तब तक कब्जा रहता है जब तक आप अपना पूरा लोन नहीं चुका देते हैं। अगर आप किसी कारण से अपना लोन चुकाने में विफल रहते हैं तो वित्तीय संस्थान कानूनी तौर पर आपकी प्रॉपर्टी को बेचकर बकाया वसूलने का अधिकार रखता है। हाउसिंग लोन के मामले में भी वित्तीय संस्थानें इसी तरह से काम करती हैं।
मॉर्गेज लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया
मॉर्गेज लोन प्राप्त करने के लिए आपको आपकी एक संपत्ति जैसे कि घर, दुकान, प्लॉट आदि को गिरवी रख कर वित्तीय संस्था से ऋण लेना होता हैः
- इसकी शुरुआत होती है सबसे पहले उचित ऋणदाता के चयन से। इसके बाद आवेदक को लोन एप्लिकेशन फॉर्म भरना होता है जिसके साथ आप पहचान, आय, नौकरी/व्यवसाय और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जमा करते हैं।
- बैंक आपके द्वारा दिए गए दस्तावेजों की सत्यता और क्रेडिट स्कोर की जांच करता है। इसके बाद गिरवी रखी गई संपत्ति का फिजिकल वेरिफिकेशन और वैल्यूशन किया जाता है। अगर सब कुछ सही पाया जाता है तो लोन को स्वीकृति मिल जाती है।
- लोन सवीकृत होने के बाद एक लोन एग्रीमेंट साइन किया जाता है जिसमें ब्याज दर, EMI, समयावधि और शर्तों की जानकारी होती है। अंततः लोन की राशि आवेदक के खाते में भेज दी जाती है।
मॉर्गेज लोन की महत्वपूर्ण बातें
इस लोन को प्राप्त करने की प्रक्रिया काफी सरल है, इसके लिए आपको कुछ आसान प्रक्रियाओं का पालन करना होगाः
- आवेदन और पात्रताः सबसे पहले आपको अपनी जरूरतों को समझना है और उसके हिसाब से वित्तीय संस्थान का चुनाव करते हुए लोन के लिए आवेदन देना है। वित्तीय संस्था आपकी पात्रता की जांच करेगी। इसमें आपकी आय, क्रेडिट स्कोर, मौजूदा कर्ज और आपके द्वारा खरीदी जा रही प्रॉपर्टी का मूल्यांकन शामिल होगा।
- लोन की राशिः बैंक आपकी आय और प्रॉपर्टी मूल्य के आधार पर यह तय करता है कि आपको कितनी राशि का लोन देना है। आमतौर पर बैंक प्रॉपर्टी के मूल्य का 75 से 90 फीसद तक ही लोन देते हैं और बाकी की राशि आपको डाउन पेमेंट के माध्यम से चुकानी होती है।
- ब्याज दरें: होम लोन पर मुख्य रूप से दो तरह की ब्याज दरें लगती हैं:
o स्थिर ब्याज दरः इस तरह की दरें पूरी लोन अवधि में स्थिर रहती हैं, बाजार में बढ़ती या घटती ब्याज दरों का आपकी ईएमआई पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
o परिवर्तनशील ब्याज दरः इस दर में बाजार की स्थितियों के अनुसार उतार चढ़ाव आता रहता है। भविष्य में इसमें जोखिम का खतरा होता है।
- ईएमआईः एक बार जब आपका हाउसिंग लोन स्वीकृत हो जाता है तब आपको हर महीने एक निश्चित राशि चुकानी होती है। जिसे समान मासिक किस्त या ईएमआई (Equated Monthly Instalment) कहते हैं। इस किश्त में मूलधन और ब्याज दोनों ही शामिल होते हैं।
- लोन की अवधिः आप अपनी सुविधा के अनुसार अपने लोन चुकाने की अवधि का चुनाव कर सकते हैं। इसे हम लोन टेन्योर भी कहते हैं। आपकी लोन चुकाने की अवधि पांच साल से लेकर 30 साल तक हो सकती है। लंबी अवधि में आपकी ईएमआई तो कम हो जाएगी लेकिन, कुल लोन पर ब्याज दर बढ़ जाएगा।
मॉर्गेज लोन लेना अपने आप में एक बड़ा निर्णय है। ऐसे में इस लोन के लिए आवेदन देने से पहले आपको सोच-समझ कर फैसला लेना चाहिए। यह आपको घर खरीदने का मौका तो देता है, लेकिन, यह लंबी अवधि की प्रतिबद्धता भी है। इसीलिए जरूरी है कि लोन के लिए आवेदन करने से पहले इससे जुड़ी सभी जानकारियों को जुटा लें। साथ ही एक से ज्यादा वित्तीय संस्थानों से अपने लोन की तुलना कर लें ताकि आपको कम ब्याज दर पर लोन प्राप्त हो सके।